Bihar Assembly Election: सीट शेयरिंग पर RJD-कांग्रेस में डील लगभग फाइनल, पटना पहुंचे नए प्रभारी

Bihar Assembly Election: चुनावी मोड में आ चुकी कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता शुक्रवार को अपनी पार्टी के उत्तर बिहार के जिलाध्यक्षों से बात करेगी, जिसमें चुनाव को लेकर भावी रणनीति विचार-विमर्श होगा.

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पटना. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन के अंदर भी अब हलचल तेज हो गई है. खासकर सीटों के तालमेल पर सभी पार्टियां एक दूसरे से संपर्क साधने में लगी हैं. कांग्रेस के प्रभारी सचिव अजय कुमार गुरुवार की शाम पटना पहुंचे. News 18 से बात करते हुए अजय ने खुलासा किया कि सीटों के तालमेल को लेकर RJD और कांग्रेस में शीर्ष स्तर पर वार्ता चल रही है.

कांग्रेस के प्रभारी सचिव ने बताया कि कांग्रेस हर हाल में सम्मानजनक समझौते की ओर अग्रसर है और उम्मीद की जानी चाहिए राष्ट्रीय जनता दल समेत महागठबंधन में शामिल सभी दल सीट शेयरिंग मामले को लेकर सकारात्मक रुख अख्तियार करेंगे. अजय ने दावा किया कि बिहार की जनता इस बार परिवर्तन के मूड में दिख रही है. खासकर बेरोजगारी समेत तमाम मुद्दों पर नीतीश सरकार की विफलता जगजाहिर हो चुकी है और ऐसे में बिहार की जनता उम्मीद भरी नजरों से राजद कांग्रेस वाले महागठबंधन की तरफ देख रही है.

जीतन राम मांझी के महागठबंधन छोड़कर जाने और इसका दलित वोट बैंक पर असर पड़ने की बात से अजय ने साफ तौर पर इनकार कर दिया है. अजय 28 अगस्‍त को कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम में उत्तर बिहार के जिलाध्यक्षों के साथ महत्वपूर्ण बैठक करने वाले हैं, जिसमें बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भावी रणनीति पर विचार-विमर्श होगा. बिहार कांग्रेस ने इस बार विधानसभावार वर्चुअल मीटिंग करने का फैसला किया है और ऐसे में पार्टी की कोशिश है 100 से अधिक सीटों पर वर्चुअल मीटिंग की जाए.

सीट शेयरिंग मामले को लेकर रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बयान पर कांग्रेस के बिहार प्रदेश  कोंग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और बिहार विधान परिषद के सदस्य समीर सिंह ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन के प्रमुख घटक दल के नेता हैं. अधिकाधिक सीट पाने की उनकी महत्वाकांक्षा गैर वाजिब नहीं है लेकिन इस मुद्दे पर वह कोई जिच नहीं करेंगे यह भी तय है. समीर सिंह ने जीतन राम मांझी के लोकसभा चुनाव में फिसड्डी साबित होने की चर्चा करते हुए कहा कि जीतनराम मांझी का दलितों पर पूरी पकड़ नहीं है और विधानसभा चुनाव में भी वे कुछ खास नहीं कर पाएंगे.

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